सप्तरीको राजगढ गाउँपालिका मा खुकुरी प्रहार बाट एक जना गम्भीर घाईते :

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सप्तरी जिल्लाको राजगढ गाउँपालिकामा आइतवार भएको झगडामा एकजना गम्भिर   घाइते भएका छन् । राजगढ गाउँपालिका वडा नं. ६ फकिरामा शौचालयको पानी निकाल्ने विषय भएको झगडामा स्थानीय नजाम खान का १९ वर्षिय छोरा उमर खान गम्भिर घाइते भएका छन् । शौचालयको पानी निकाल्ने विषयमा विवाद भए पश्चात स्थानीय हलिम खान र नयिम खान लगायतका व्यक्तिहरुले खुकुरी लिएर उमर माथि प्रहार गरेको बताइएको छ । एमबीबीएसमा अध्ययनरत उमरलाई सिकिस्त अवस्थामा राजविराज स्थित गजेन्द्र नारायण सिंह अस्पतालमा उपचारको लागि भर्ना गरिएको थियो तर त्यहाँ बाट पनि घोपा केम्प धरान रिफर गरिएको छ । अहिले  घोपा केम्प धरान मा उहाँ को उपचार भैइरहेका छ्न र अवस्था गम्भिर रहेको छन ! 

मैथिली भाषा साहित्य सँ मिथिलाक पहिचान || बिन्देश्वर ठाकुर:

मैथिली भाषा साहित्य सँ  मिथिलाक पहिचान  वेबिनार || बिन्देश्वर ठाकुर


मैथिली भाषा साहित्य सँ मिथिलाक पहिचान वेबिनार दिस एक नजरि

बिन्देश्वर ठाकुर

दोहा, कतार सँ लिखै छैथ :
मैथिली साहित्यमे जुडला हमरा ६ बर्ष भेल अछि।एहि अवधीमे बहुतो विद्वानलोकनि संग परिचित आ मार्गदर्शन भेटल।हुनके सबहक सल्लाह-सुझाब ओ प्रेरणा सँ किछु साधना-सृजना करबाक नव उर्जा भेटैए।रहबाक लेल त हम अपन माटि-पानि सँ दूर,अपन मिथिला सँ दूर सात समुन्द्र पारमे छी।यधपी मोन सँ सदति अपनहि लोकवेद लग छी।अपनहि गाममे रहैत छी।आ जखन जेना मौका भेटैत अछि तै हिसाबे अपन उपस्थिति सेहो दैत रहैत छी।एहि सँ पहिनहो बहुत बेर अनलाइन वा कि प्रत्यक्ष रुपे सेहो किछु किछु कार्यक्रमसबमे अपन बिचार देने छी।दैत छी।हमरा याद अबैत अछि आदरणीयां बिभा झा जी द्वारा  महोत्तरी जिल्लाक महोत्तरी गाममे आयोजित 'अडहुल' क आयोजन जइमे 'मैथिली कविताक नवयतम स्वर आ अपेक्षा' पर हम अपन बिचार रखने रही।एहि कार्यक्रममे विविध सत्रसबमे एक सँ बढिकय एक कवि-साहित्यकार ओ विश्लेषक्लोकनि बाजल रहथि।कार्यक्रममे मैथिली कला-साहित्यके विविध पक्षसब पर चर्चा सेहो भेल रहथि।समग्रमे कार्यक्रम पूर्ण रुपेण सफल भेल रहथि।

एहि सँ पूर्व आ एकर बादमे सेहो पाया एहि पार आ ओइ पार दुनू दिस मिलाक' अनेकानेक कार्यक्रम सब भेल अछि।आ अगामी दिनमे सेहो होइत रहत।एहि क्रममे ६ जुन २०२० शनिदिन मैथिली एशोसिएसन नेपालके विशेष पहलमे दृष्यम मिडियापर 'मैथिली भाषा-साहित्य सँ मिथिलाक पहिचान' शीर्षकके एक बृहत वेबिनारक आयोजना कएल गेल।एहि वेबिनारमे मैथिली साहित्यक दुनू पार मिथिलाक युवा आ वरिष्ठ साहित्यकार-विश्लेषक मिला जम्मा २५ गोटेक सहभागिता रहल।पाँच सत्रमे चलल ई वेबिनार समय आ तकनीकी हिसाबे किछु गडबडी भेलाक बाब्जुदो समग्रमे पूर्ण सफल रहल।एतिहासिक रुपे पहिल बेर आयोजना कएल गेल एहि वेबिनारके प्रारुप तयार केनिहार आदरणीय प्रवीण नारायण चौधरी जी धन्यवादक पात्र त छथिए।एकर अतिरिक्त अपन अमूल्य समय आ महत्त्वपूर्ण बिचार देनिहार सर्जक-साहित्यकारलोकनि सेहो आभारक पात्र छथि।अनवरत ४ घन्टाधरि जुडिक साथ देनिहार दर्शकलोकनिके सेहो हृदय सँ कोटि-कोटि नमन कर चाहब।सारमे एहि वेबिनारके सफल करएमे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सबयोग केनिहार/केनिहारि सबगोटेमे एकमुष्ठ आभार व्यक्त करैत छी।

ओना हम साहित्यमे एखनो नेना छी।एहिठाँ एक सँ बढिक' एक विद्वान-विदुषीसब उपस्थित रहथि।हमरो अपन किछु बिचार रखबाक मौका भेटल ताहि लेल प्रसन्न छी।आयोजक टीमके आभार सेहो व्यक्त करैत छी।एहि आयोजनामे अग्रजलोकनिसबद्वारा विभिन्न सत्रसबमे कहल गेल अनेकानेक विषय ओ परिचर्चा निश्चित रुपे चिन्तन-मनन योग्य लागल।

मैथिली भाषाक स्वरूप,महत्व,मैथिली भाषाक साहित्य लेखन आ आम जुड़ाव केर अवस्था,मानव सरोकार मे मातृभाषाक भूमिका आ आवश्यकता पर आदरणीय राम भरोष कापडि 'भ्रमर'जीक बिचार।मैथिली वाचिक आ लिखित साहित्यक अन्तर्सम्बन्ध पर आदरणीयां डा.विभा कुमारी जीक विमर्श,अदौकाल सँ प्रचलित लोककथा-गाथा पर आधारित साहित्यक महत्व स्वयं मिथिलावासी लेल कतेक आर एहेन साहित्यक अनुवाद दोसर भाषा सब मे कतेक कि भेल अछि' एहि पर - डा. महेन्द्र नारायण राम जीक परिचर्चा।

मैथिली भाषा मे लेखन आ प्रकाशनक अवस्था अन्य भाषा सँ तुलना कयलापर कतेक सफल-असफल आ कि बढैत-पछड़ैत देखि रहल छी? प्रकाशन आ बिक्री-वितरण-बाजार, मांग-आपूर्ति केर अवस्था आधारित तुलनात्मक अध्ययन कि कहैत अछि? - एहिपर आदरणीय अजित आजाद जीक समीक्षा लगायतके बहुत रास बातसब पहिल सत्रमे सुनबाक-बुझबाक मौका भेटल।

दोसर सत्रमे ' प्रेम विदेह ललन जी द्वारा नेपाल मे मातृभाषाक पढौनी आ मैथिली शिक्षा, मातृभाषा मे अथवा मातृभाषा के शिक्षा लेल नेपाल मे  रहल नितिसब, एक शिक्षक हेबाक नाते मातृभाषा मे पढौनीक वातावरण,एकर महत्व आ व्यक्तिगत अनुभवसब सुनाएल गेल।

आदरणीय  देवेन्द्र मिश्र जी द्वारा मातृभाषा मैथिली मे पढौनी लेल सरकार संग कयल गेल प्रयास आ एकर आरम्भ सँ एखन धरिक अवस्था पर प्रकाश आ एहि सँ छात्र सबहक कतेक दूरगामी सफलताक परिचर्चा कएल गेल।

आदरणीय धर्मेन्द्र झा जी द्वारा नेपाल मे मैथिली संचारकर्म केर अवस्था नेपालक एक प्राचीन भाषा मैथिली रहितो सरकारक नीति मे मैथिली संचारकर्म आ सरकारी विज्ञापन या पुस्तक प्रकाशन आदि मे नीति निर्माणकर्ताक नीयत अर्थात् समग्रमे संचारक्षेत्रक जनजीवनमे मैथिली प्रभाव उपर बिचार देल गेल।

तहिना आदरणीय श्यामसुन्दर शशी जी द्वारा मैथिली पठन-पाठनक अवस्था पर हुनक अनुभव हिसाबे एखनुक अवस्था, मैथिलीक पढाई के लाभ,विश्वविद्यालय स्तर पर मैथिलीक पढौनी आ एहि सँ रोजगारक संभावना कोन-कोन क्षेत्र मे बनैत छैक आदि विषयपर जानकारी लेल गेल।

तहिना विनोद कुमार झा जी द्वारा भारत मे मैथिली विषयक अध्ययन-अध्यापन केर इतिहास,संचारकर्म मे मैथिलीक इतिहास आ वर्तमान अवस्था पर प्रकाश! मैथिलीक भविष्य केहेन देखा रहल अछि आदिपर गहन छलफल कएल गेल।

तेसर सत्रमे आदरणीय राम रिझन यादव जी द्वारा भाषा आयोग द्वारा जिलावार विवरण मे मैथिली भाषाभाषीक लेल कि सब समेटल गेल अछि? संख्या कि कोना देखायल गेल अछि?शासक वर्गक झुकाव भविष्य मे मैथिली लेल केहेन होयत? एहि बारे विमर्श कएल गेल।

तहिना, मधेशी आयोग केर गरिमामयी पदपर आसिन मा. विजय दत्त जी द्वारा प्राचीन भाषा-साहित्य-संस्कृति-सभ्यताक रूप मे मैथिली आ मिथिला पर मधेशी आयोगक ध्यान, कार्यविधि आ परिणामके सकारात्मक हेबाक चर्चा केलनि।

तहिना साहित्यसेवा आ खोजमुलक संचारकर्म संग शोधालेख सभक प्रकाशन, सखड़ेश्वरी भगवतीक इतिहास आ माहात्म्य आदिक लेखन, दीना-भद्री समान लोकदेवता पर शोध, अन्य पुरातात्विक महत्वक खोज आ ताहि सब पर स्थानीय आ राष्ट्रीय स्तर पर संचारक्षेत्र मे लेखन, रिपोर्टिंग आदिक अनुभव रखनिहार आदरणीय श्याम सुन्दर यादव 'पथिक' मैथिली भाषा लेल स्थानीय तह, प्रदेश आ संघ सरकारक योगदान पर चर्चा केलनि।

तहिना,आदरणीय किसलय कृष्ण जी द्वारा नेपाल आ भारतक मिथिला बीच आर्थिक सम्बन्ध मजबूत करबाक लेल पर्यटन आ फिल्म केर संभावना छैक, अहाँक अवलोकन कि कहैत अछि?एहि क्षेत्रक किछु पृष्ठभूमिक कार्य आ विवरण सहितके सारगर्भित बातसब राखल गेल।

चारिम सत्र महिला विशेष रहल।एहिमे महिलाक समाजिक संजालपर सकृयता,पुरुष हिसाबे कम रहितो नारी शक्तिक प्रशंसा आदिवारे गहन परिचर्चा भेल छल।एहि सत्रके बक्तासब छलथि-आदरणीय करुणा झा जे घर परिवार सम्हारैत मैथिली संग हिन्दी लेखन, विभिन्न अभियान मे स्वयंसेवक, मातृभाषा मैथिली लेल एफएम संचालन आओर बहुत रास समाजिक काजसब करै छथि।एकर प्रेरणा कि आ उर्जा कि? एहिबारे बाजल रहथि।

तहिना, दोसर बक्ता रहथि- बिभा झा जे नेपालक राजधानी काठमांडू मे 'चनमा'आ अपन सासुर महोत्तरीमे अडहुलके आयोजना क' एतिहासिक काज केलनि।एहन प्रेरणा कोना भेटलनि आ आगुक योजना कि छनि एहिपर अपन बिचार देलनि।

तेसर बक्ता रहथि- भावना मिश्र जी जे 'हम सब मैथिल छी' समूह पर कोरोनाकाल केर लौकडाउन केर वातावरण मे बहुत रास प्रतिभासबके लाइवमे बजौलथि आ अपने संयोजिकाक भूमिकामे रहलथि।हिनकमिथिला पत्रिका मे जे नव्या लेखनी प्रतियोगिता अछि ताहिपर बिचार रखलथि।

चारिम बक्ता छलथि-कुमारी श्रेया जे अक्सर अपन लेख, कथा आ कविता मादे न्यु सृष्टि दैनिकक परिशिष्ट 'हिपमत'सँ परिचित भेलथि। घर सम्हारैत भाषा-साहित्य मे सृजन सेहो इच्छा रहलापर कएल सा सकैए।परिवारक सेहो एहिमे सहयोग चाहिँ से अपन मत रखलनि।

पाचम बक्ता छलथि- बन्दना चौधरी, जे १७म अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन विराटनगर केर आयोजन मे कुशल संयोजिकाके भूमिका निभौने छलथि। 'दहेज मुक्त मिथिला' समूह केर  एडमिन बन्दना जी 'सामूहिक विवाह' करेबाक बेगरता एवं घरधन्धा संग समाज लेल अपन समय कोना निकालल जाए एहिबारे बाजल रहथि।

पाँचम सत्रमे मैथिली भाषा-साहित्य आ युवा शक्ति केर लगाव-जुड़ाव,सामाजिक संजाल मे लेखन आ प्रोत्साहन केर प्रभाव,स्वदेश सँ विदेश धरिक धरातल पर युवा सृजनकर्म, लेखन सँ प्रकाशन तक युवा सहभागिता,अपन समतुरिया व नवागन्तुक केँ केना प्रभावित-प्रेरित कय अपन भाषा-साहित्य जोगेबाक लेल अपील कएल जाए ताहिबारे बिचार? - आदिबारे छलफल भेल।एहिमे बक्तासब रहथि गजेन्द्र गजुर,विन्देश्वर ठाकुर,कुमार पृथु,कर्ण संजय आ मो.अमिन अली।

समग्रमे हम ई कहए चाहैत छी जे एहि सँ पहिने जतेक सभा,सेमिनार भेलै, वा एकराबादमे जतेक सभा सेमिनार हेतै,अथवा एहि वेबिनारमे मिथिला-मैथिली सम्बन्धी जतेक चर्चा-परिचर्चा कएल गेलै से सबके गहन रुपे अध्यन-अनुसन्धान जरुरी छै।एहि वेबिनार सँ जतेक समस्यासब आगु एलै ओ सब उपर ठोस कार्यान्वयन जरुरी छै।एहिके लेल राज्य पक्ष सँ,प्रदेश सरकार सँ वा कि अन्य सामूहिक संघ-संस्था सँ कोन तरहे कएल जाए? कि सब सर्जकसब मिलिक व्यक्तिगत रुपे जेबिए सँ पैसा द' एहि लेल किछु खास, किछु नव काज कएल जाए से महत्त्वपूर्ण छै।जऽ आइयोके वेबिनार सँ हरेक मुद्दापर आएल निराकरणके उपाय लेल ठोस कदम नै उठाएल जेतै तहन बुझू जे भविष्यमे फेर सँ अहिना प्रवीन नारायण चौधरी जी वा अन्य कोनो योद्धाक जाँगर चलत,सेमिनार,अन्तरक्रिया,वेबिनार होएत,युवा सँ ल क अग्रजसब आएत, अपन बिचार देत आ फेर सँ ओ मुद्दा जहिनाके तहिना रहत।समय बदलत,साल बदलत मुदा हाल।एहने रहत।

अत: अपने सम्पूर्ण सर्जक,साहित्यकार,अग्रज,अभियानी सब सँ सादर अनुरोध जे कृपया कऽ चर्चा भेल सबटा बुंदा उपर गहन चिन्तन करैत मिथिला- मैथिली लेल, एतुका भाषा-साहित्य आ कला-सांस्कृति लेल, एकर स्वर्णिम भविष्य लेल अपना-अपना दिस सँ निज संकल्प करी।संगे भावी योजना लेल संगोर भऽ प्रतिबद्ध रही।धन्यवाद!

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